इंटर कालेज जखेटी में प्रबंध समिति को दिए गए अनुमोदन को मुख्यशिक्षाधिकारी ने कोर्ट के आदेश के बाद वापस ले लिया गया है। आपको बताते चले कि इस मामले में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता ने प्रबंध समिति के चुनावों को लेकर संपादित की गई प्रक्रिया में अनेक खामियां मिलने की शिकायत शिक्षामंत्री से की थी। जिस पर अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल ने शिक्षा मंत्री के निर्देश पर मामले की जांच की थी। एडी ने जांच में पाया था कि यहां आजीवन सदस्यों की अनुमोदन सूची जांच में विद्यालय की अनुमोदित प्रशासन योजना के अनुरुप नहीं की गई। आज पौड़ी में पत्रकारों से बातचीत में शिकायकर्ता राजेश सिंह राजा कोली ने कहा कि जिले के जनता इंटर कालेज में प्रबंध समिति के चुनावों को लेकर बीती 26 मार्च 2022 को विद्यालय में प्रबंध समिति के चुनाव संपन्न हुए थे। जिस पर शिक्षा मंत्री व आयुक्त गढ़वाल मंडल से शिकायत की गई थी। शिक्षा मंत्री व आयुक्त ने अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल महावीर बिष्ट को जांच के निर्देश दिए थे। मामले में अपर निदेशक ने मामले की जांच कर विद्यालय प्रबंध समिति के गठन के चुनाव के लिए सदस्यों की सूची का अनुमोदन नियमानुसार नहीं होना पाया गया था। अपर निदेशक ने जांच करने के बाद कहा था कि तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी मदन सिंह रावत ने बिना देखे परखे इस सूची का अनुमोदन किया था। इस सूची में मौजूद 32 सदस्यों ने बिना विज्ञप्ति जारी हुए व बिना बैंक ड्राफ्ट दिए विद्यालय से सदस्यता दी गई थी। जिसके बाद सदस्यों द्वारा प्रबंध समिति के चुनाव में हिस्सा लिया गया। इसके बाद शिकायतकर्ता ने मई 2022 में याचिका दायर की थी। जिस पर एकल पीठ ने प्रबंधक के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने इस फैसले को डबल बैंच में चुनौती दी थी। डबल बैंच ने मुख्यशिक्षाधिकारी के चुनाव अनुमोदन को निरस्त करने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यशिक्षाधिकारी पौड़ी ने भी आदेश जारी कर प्रबंधन समिति को प्रदान किए गए अनुमोदन के आदेश को निरस्त करते हुए यहां पर प्रबंध संचालक के रूप में राउमावि नौडियालगांव के प्रधानाध्यापक दिनेश पुंडीर को जिम्मेदारी दी है। पत्रकार वार्ता में राजेश सिंह ने कहा कि उन्हें अपनी शिकायत वापस लेने के लिए लगातार डाराया व धमकाया भी जा रहा है। उन्हें बताया कि इसकी शिकायत डीएम व एसएसपी से भी जा चुकी है लेकिन अभी तक इस मामले में कोई कदम नहीं उठाए गए है।
सिद्धांत उनियाल
संपादक