कोटद्वार की मालन सुखरो नदियों में दिन रातअवैध खनन। शहर के कई नामी-गिरामी और रसूखदार लोगों के है अवैध भंडारण। सरकार के राजस्व पर रोज लाखों की चपत के जिम्मेदारआखिर कौन।
कोटद्वार के भाबर क्षेत्र मैं मालन और सुखरो नदियों में अधिकारियों और शहर के कई नामी-गरामी रसूखदार हस्तियों के मिलीभगत से इन नदियों में शाम ढलते ही ट्रैक्टर और जेसीबी मशीने इन नदियों का सीना छलनी करने उतारेे जाते हैं। और बेखौफ होकर रात भर अवैध खनन करतेे हैं इन खनन कारोबारियों की पहुंच और सेटिंग गेटिंग का नेटवर्क इतनाा तगड़ा है कि कोई परिंदा भी पर नही मार सकता। सूत्रों की माने तो खनन कारोबारियों ने कई पहरेदार भी रखे हुए हैं जो रात भर शहर के मुख्य चौराहों और सड़कों पर तैनात रहते हैं कई पहरेदार तो अधिकारियों के बंगलों ऑफिस मैं नजर बनाए रखते हैं और थोड़ा सा भी संदेह होने पर अपने आकाओं को सूचित कर देते हैं रात भर यह ट्रैक्टर ट्रालीयां के सड़कों और नदियों के किनारेबने आधा दर्जनअवैध भंडारणो को भरते रहतेे हैं । सूरज निकलने से पहले ही यह ट्रैक्टर ट्रालीयां और जेसीबी मशीनें नदियों से गायब हो जाती है लगता है मानो कुछ हुआ ही नहीं है। दिन में बिना नंबर प्लेट के कई टैक्टर ट्रालीयों को आप इन भंडारणो के समीप खड़े देख सकते हैं। फिर खेल शुरू होता है डंपरो का रात- दिन आरबीएम से भरे यह डंपर बड़े ही शानो शौकत के साथ कौड़िया चेक पोस्ट से उत्तर प्रदेश की तरफ निकल जाते हैं कौड़िया चेक पोस्ट वह जगह है जहां पर आरटीओ की चेक पोस्ट पुलिस की चेकपोस्ट अन्य विभागों की चेकपोस्ट भी है मगर इन ओवरलोड और अवैध आरबीएम से भरे इन डंपर पर किसी की भी नजर नहीं जाती ।इसलिए हम कह रहे हैं कि अधिकारियों और रसूखदार खनन कारोबारियों की मिलीभगत से नदियों का सीना छलनी किया जा रहा है। जहां यह रसूखदार खनन कारोबारी सेटिंग कर रोज मोटा मुनाफा कमा रहे हैं वहीं सरकार के राजस्व विभाग को रोजाना लाखों रुपए का चूना भी लगा रहे हैं ।
सवालिया प्रश्न तो यह है
1 चोरी रोकने के लिए बने इन चेक पोस्टों से अवैध आरबीएम से भरे डंपर कैसे निकल जाते हैं।
2 चेक पोस्ट पर तो सीसीटीवी भी लगे हैं सीसीटीवी का क्या औचित्य है
3 रात दिन नदियों और सड़कों में दौड़ते डंपरों और ट्रैक्टर ट्रालीयों कोई भी जिम्मेदार विभाग कार्यवाही क्यों नहीं करता। क्या इन जिम्मेदार विभागों के पास कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी है। अगर नहीं तो फिर कार्यवाही क्यों नहीं।
4 सरकार की राजस्व पर जो रोज लाखों का चूना लगाया जा रहा है इसका जिम्मेदार कौन