स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान पौड़ी की ओर से 13 दिन तक जूट से बने वाले समान की जानकारी और प्रशिक्षण दिया गया। पौड़ी में सभी महिलाओं को अंतिम परीक्षा देकर उनका प्रशिक्षण समाप्त करवाया गया। वहीं निदेशक जुगल किशोर जोशी ने बताया कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 13 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था जिसमें महिलाओं को जूट से बनने वाले हैंडबैग, कैरी बैग छोटे व बड़े बैग आदि बनाने की समुचित जानकारी दी गई है ताकि आने वाले समय में वह स्वयं इस कार्य को कर सकें और इस सामान को बनाने के बाद उनको बाजार की उचित व्यवस्था भी करवाई जा रही है ताकि आत्मनिर्भर बनने के साथ उनकी आय में भी वृद्धि हो सके आने वाले समय में अन्य महिलाओं को भी इसी तरह से प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोगों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। वही प्रशिक्षण लेने वाली विजयलक्ष्मी और निकिता ने बताया कि 13 दिन तक उन्हें जूट से बनने वाले समान का प्रशिक्षण दिया गया है इस प्रशिक्षण के माध्यम से वह विभिन्न प्रकार के सामान बना सकते हैं जिसकी बाजारों में भी बहुत मांग है आज के दौर में प्लास्टिक के प्रयोग से हमारा पर्यावरण लगातार दूषित होता जा रहा है अपने पर्यावरण को बचाने के लिए बहुत जरूरी है कि हम जूट से बनने वाले सामान का अधिक से अधिक प्रयोग करें

