हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के चौरास परिसर स्थित स्वामी मनमथन प्रेक्षागृह में पंचायतीराज विभाग उत्तराखंड की ओर से सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण एवं ग्राम पंचायत विकास योजना विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. शनिवार को इस दो दिवसीय कार्यशाला का दूसरा और अंतिम दिन था. इस कार्यशाला में गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, चमोली, रूद्रप्रयाग जिलों के पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों ने प्रतिभाग किया. कार्यक्रम के दूसरे और अंतिम दिन शनिवार को पूर्व संयुक्त निदेशक पंचायतीराज निदेशालय श्री डीपी देवराड़ी जी ने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों का मार्गदर्शन किया. उन्होंने आर्थिक विकास की नीति को विस्तार से समझाते हुये सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों को सतत विकास की राह पर लाने का सूत्र साझा किया. उन्होंने लोक कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष बल देते हुये कहा कि क्षेत्रों में जिन स्थानों में विकास कार्य अधूरा पड़ा है उसे विकसित करने का सुझाव दिया.उन्होंने इस संबंध में जनप्रतिनिधियों से कहा कि वे क्षेत्र की जरूरतों को समझते हुए प्राथमिकता को समझते हुये योजनाओं पर काम करने को कहा. उन्होंने अपने संबोधन में क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत स्तर पर विकास की रूपरेखा तैयार करने की बात की.
इसके बाद एचएनबी विवि के अधिष्ठाता छात्र कल्याण हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि प्रोफेसर महावीर सिंह नेगी जी ने कहा कि ग्राम पंचायत क्षेत्रों के विकास के लिए इस बात पर जोर दिया कि समग्र विकास के लिए आवश्यक है कि पंचायत समितियां शसक्त बनें. साथ ही, नियमित बैठकें होनी चाहिये. पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय को बढ़ाने का भी उन्होंने आग्रह किया. अपनी बात को आगे बढ़ाते हुये उन्होंने ब्लॉक प्रमुख के लिए पंचायतों का विकास कार्य परखने के लिए वाहन की भी सुविधा मुहैया कराने की बात कहते हुये ग्राम पंचायतों के पास आर्थिक रूप से मजबूती की बात पर जोर दिया. अध्यक्ष जिला पंचायत रूद्रप्रयाग अमरदेई शाह जी ने कहा कि ग्राम पंचायत ईकाई की मजबूती ही सतत विकास की पहली शर्त है. उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले विकास कार्य की आर्थिक सीमा को विस्तार देने की बात कही. उन्होंने इस कार्यशाला के आयोजन के लिये पंचायतीराज विभाग को विशेष बधाई दी. इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुये देवाल के प्रमुख क्षेत्र पंचायत दर्शन सिंह दानू जी ने कहा कि उत्तराखंड के विकास के लिए आवश्यक है कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों में सामंजस्य स्थापित करते हुये विकास योजनाओं पर कार्य करने की बात कही. उन्होंने कोरोना आपदा के दौर में बेहतरीन कार्य करने के लिए पंचायत जनप्रतिनिधियों को हार्दिक बधाई दी.
कार्यक्रम का समापन करते हुये संयुक्त निदेशक पंचायतीराज निदेशालय श्री राजीव कुमार नाथ त्रिपाठी जी ने कहा कि वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए निदेशालय एक पोर्टल का निर्माण कर रहा है. उन्होंने बताया कि कामगारों की उपलब्धता को भी सुनिश्चित करने वाले ऑनलाइन पोर्टल पर कार्य करने की बात कही. उन्होंने बताया कि मार्च 2023 तक निदेशालय के इस पोर्टल के माध्यम से कामगारों की उपलब्धता की विस्तार से जानकारी दी जाएगी. उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों का इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाने की बधाई दी.
Deepak Naudial
Editor