अंकिता के गांव श्रीकोट में कांग्रेस नेताओं के पहुंचने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। मंगलवार को कांग्रेस के प्रदेशअध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल आदि कांग्रेसियों ने परिजनों को ढांढस बंधाया। परिजनों से मिलने के बाद पौड़ी में पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि अभी तक पुलिस ने आरोपियों की रिमांड नहीं ली है। प्रशासन ने रिजार्ट तोड़कर सबूतों को मिटाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि छुट्टी गए पटवारी पर भी एफआईआर दर्ज उसको गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उस वीआईपी का नाम भी उजागर किया जाना चाहिए जिसको एक्स्ट्रा सर्विस दिए जाने की बात सामने आ रही है.उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस मामले को ठंडे बस्ते में डालकर इस मामले में शामिल बड़े चेहरों को बचाना चाह रही है। अगर सरकार की नियत साफ है तो इस मामले की जांच सीबीआई से होनी चाहिए। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि यह हाईफ्रोफाइल मिस्ट्री है। सबूत मिटाने के लिए रिर्जाट पर बुलडोजर चलवाने का काम किया गया है। पीएम रिपोर्ट बनवाने में महिला डॉक्टर को शामिल नहीं किया जाना भी कई संदेह पैदा कर रहा है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए। डीजीपी से सवाल करते हुए उन्होंने कहा कि अभी तक आरोपियों की रिमांड क्यों नहीं ली गई है। इस दौरान परिजनों ने कांग्रेस नेताओं से आरोपियों को फांसी की सजा दिलाए जाने की मांग रखी। इस मौके पर केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत, पूर्व राज्यमंत्री राजेंद्र भंडारी, जिलाध्यक्ष विनोद नेगी आदि शामिल थे।
सिद्धांत उनियाल
संपादक