विकास भवन सभागार में आज कृषि विभाग व नाबार्ड के सौजन्य से कृषि अवसंरचना निधि और जैविक खेती विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिलाधिकारी डॉ0 विजय कुमार जोगदण्डे ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। साथ ही किसानी-कास्तकारी से जुड़े हुए स्वयं सहायता समूह, किसान सहकारिता समूह, पैक्स और संगठन के साथ-साथ किसान प्रतिनिधियों ने भी प्रतिभाग किया व कृषि अवसंरचना निधि तथा जैविक खेती से संबंधित जानकारी ली तथा खेती-किसानी से जुड़ी अपनी समस्याएं साझा की और अपनी शंका-जिज्ञासा का समाधान भी किया।
कार्यशाला में जिलाधिकारी ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि अवसंरचना निधि खेती-किसानी के उन्नयन, आधुनिक खेती, जैविक खेती तथा लाभपरक खेती के लिए यह अति महत्वपूर्ण है। जो भी किसान व्यक्तिगत या सामूहिक तरिके से सार्वजनिक निजि सहभागिता से छोटे स्तर पर या बड़े स्तर पर खेती करना चाहता है वह 2026 तक इस निधि के तहत 03 प्रतिशत ब्याज में शुरू तथा सब्सिडी से प्रत्यक्ष खेती व खेती से सम्बद्ध जुड़े कार्य, उद्यमिता, स्टार्टअप जैसे कार्य शुरू कर सकता है। उन्होंने कृषकों को इस निधि का लाभ उठाते हुए पहाड़ की खेती को समूह करने के लिए अधिकाधिक आवेदन करने का आग्रह किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि खेती बाड़ी में यदि कोई किसान किसानी में अभिनव प्रयोग करना चाहता है और उसे शुरू करने में यदि किसी को कोई शंका हो, आर्थिक सहायता या अन्य तकनीकि व प्रशिक्षण स्तर की आवश्यकता हो तो कृषि विभाग, नाबार्ड, विभिन्न बैंक सहायता देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इस निधि के माध्यम से किसान वैल्यू एडीशन, कृषि विपणन, कोल्ड स्टोरेज, फार्मा मशीनरी, छोटे-बड़े प्लांट लगा सकते हैं। उन्होंने कृषि विभाग को निर्देशित किया कि इस निधि के अंतर्गत जनपद में अलग-अलग तरह के एक-एक उद्योग ट्रायल के तौर पर अनिवार्य रूप से प्रोत्साहित करें तथा लोगों को अधिकाधिक आवेदन करने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिये।
सिद्धांत उनियाल
संपादक