जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कार्यालय कक्ष में जनपद के विभिन्न स्थानों पर बाघ से संबंधित घटनाओं पर अंकुश लगाने के संबंध में बैठक आयोजित की गयी। उन्होंने कहा कि जनपद के उन स्थानों को चिन्हित कर लिया जाए जहां पिछले 10 वर्षों में बाघ से संबंधित घटनाएं हुई हैं। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों/गांवों में बाघ के सक्रियता अधिक देखी जा रही है, उन स्थानों पर *बाघ सुरक्षा समिति* बनाई जाए तथा स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से इस समिति का क्रियान्वयन किया जाए। उन्होंने कहा कि बाघ सुरक्षा समिति के सदस्यों को मूलभूत चीजें जैसे टॉर्च, लाइटें, डंडे, नेट (जाल) आदि सामग्री उपलब्ध कराकर वन विभाग से समन्वय स्थापित कर उनका व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, जिससे बाघ की सूचना मिलने पर वे जानकारी उपलब्ध करा पाएंगे। उन्होंने कहा कि इसमें पीआरडी के माध्यम से प्रशिक्षित जवानों को शामिल किया जाए जो क्षेत्रों में लगातार पेट्रोलिंग कर संभावित खतरे से लोगों को सतर्क करेंगे। शनिवार देर शाम कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि प्राथमिक तौर पर *बाघ सुरक्षा समिति* बनाकर *लेपर्ड कंट्रोल रूम* स्थापित किया जाएगा, जिससे आम जनमानस बाघ से संबंधित सूचनाएं उपलब्ध करा सकेंगे। उन्होंने कहा कि बाघ के सक्रियता वाले स्थानों को चिन्हित कर आधुनिक ढंग से (कैमरों) उन पर नजर बनाकर चिन्हीकरण किया जाएगा। जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी सदर को निर्देशित किया कि नगर में जिन स्थानों पर झाड़ियां हैं, उन स्थानों पर नगरपालिका के माध्यम से त्वरित कार्यवाही के साथ कटान प्रारंभ कर दें साथ ही सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम अपने साथ रखें। उन्होंने कहा कि अत्यधिक अंधेरे स्थान को चिन्हित कर उरेडा विभाग के माध्यम से आधुनिक सोलर हाइमास्क लाइटें लगवाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जहां-जहां बाघ दिखाई दे रहे हैं उन क्षेत्रों में लेपर्ड पेट्रोलिंग कराएं तथा लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दें। आयोजित बैठक में डीएफओ गढ़वाल मुकेश कुमार, डीएफओ सिविल एवं सोयम आर के तिवारी, उपजिलाधिकारी सदर आकाश जोशी, पुलिस विभाग से हेमकांत सेमवाल सहित सम्बंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
सिद्धांत उनियाल
संपादक