महंत दिलीप रावत क्यों खोला वन मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा भाजपा और कांग्रेस के भीतर हलचल लेटर बंमो में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर आज भी अनुत्तरित
- 2022 के विधानसभा चुनाव है तो लेटर बम भी खूब वायरल हो रहे हैं पहले डीएफओ दीपक सिंह का वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत पर सवालिया प्रश्न उठाते हुए लेटर बम फोड़ा अब जनपद पौड़ी गढ़वाल की विधानसभा लैंसडाउन से विधायक महंत दिलीप रावत ने अपनी ही सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखे एक पत्र मैं डॉ हरक सिंह रावत की विधानसभा कोटद्वार में हो रहे कार्यो पर सवाल खड़े कर दिए है सीधे तौर पर कहे तो उन्होंने हरक सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है
महंत दिलीप रावत ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र कहा है कि टाइगर सफारी दीवार निर्माण भवन निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपए के कार्य है नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे हैं कोटद्वार कालागढ़ मार्ग को यातायात प्रतिबंधित कर दिया गया है और अवैध पातन कर वन भूमि पर निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं कोटद्वार में विगत 4 वर्षों से अवैध खनन एवं हाथी दीवार का कार्य कर करोड़ों रुपए का कार्य बिना निविदा के किया जा रहा है उन्होंने कहा है कि उनके द्वारा कई बार शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई है उन्होंने वन प्रभाग डीएफओ दीपक सिंह के लेटर बम की भी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है
अब सवाल यह है कि चुनाव नजदीक आते ही अपनी सरकार और वन मंत्र हरक सिंह रावत पर लैंसडाउन के विधायक दिलीप रावत क्यों हमलावर है सूत्रों की माने तो वन मंत्री की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के लगातार लैंसडौन विधानसभा में भ्रमण कर रही है। कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा से टिकट की दावेदारी को लेकर तमाम खबरें लैंसडाउन विधानसभा में तैर रही हैं और अंदर खाने हरक सिंह रावत अपनी पुत्रवधू को लैंसडाउन विधानसभा से भाजपा से टिकट चाहते हैं सूत्रों की माने तो डॉ हरक सिंह रावत द्वारा लैंसडौन विधानसभा में पूरी बिसात बिछा चुके हैं लैंसडौन विधानसभा से कांग्रेस के टिकट की आस लिए कई दावेदारों में भी इस वक्त हलचल मची हुई है अटकलों का बाजार गर्म है वन मंत्री कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं हरक सिंह रावत अपनी पुत्र वधु को कांग्रेस के टिकट पर लैंसडाउन विधानसभा से चुनाव लड़वाते हैं तो आधी से ज्यादा कांग्रेसी अंदर खाने उनके लिए इस वक्त फील्ड में काम कर रहे है तो वही शह और मात के खेल में महंत दिलीप रावत और हरक सिंह रावत आमने-सामने है बता दे कि 2018 में कोटद्वार नगर निगम मेयर चुनाव में महंत दिलीप रावत की पत्नी श्रीमती नीतू रावत चुनाव लड़ी थी और तब भीतर घात व कोटद्वार विधायक द्वारा निर्दलीय को अंदर खाने समर्थन के चलते भाजपा को तीसरे नम्बर पर धकेल दिया ओर जमानत तक जब्त हो गई थी तो वही 2002 व 2007 में लैंसडाउन से विधायक रहे हरक सिंह रावत ने ही वर्तमान विधायक महंत दिलीप रावत के पिता स्व श्री भारत सिंह रावत को इस विधानसभा में दो बार हराया था महंत दिलीप रावत और डॉ हरक सिंह रावत का राजनीतिक अदावत का रिश्ता काफी पुराना है अब अपने तेवरों से डॉ हरक सिंह रावत खुद केदारनाथ ओर अपनी पुत्रवधू के लिए लैंसडाउन विधानसभा से टिकट चाहते हैं हरक सिंह रावत के ऐसे तेवरों से अब भाजपाई भी अंदर खाने अनुशासनहीनता की दबी जुबान पर मांग कर रहे हैं लेकिन महंत दिलीप रावत का खुलकर डॉ हरक सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोलना यह साबित करता है कि 2022 का चुनाव दिलचस्प होगा। - जब वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत से वायरल हुए इन लेटर बमों उठाए गए सवालों के बारे में पूछा तो उन्होंने डीएफओ दीपक सिंह पर हुई कार्रवाई को सही ठहराया और कहा कि वह जबरदस्ती लालढांग चिल्लरखाल मार्ग कोरुकवाने काम कर रहे थे जब लैंसडाउन विधायक दिलीप रावत के लेटर बम में पूछे गए सवालों के बारे में पूछा तो अगर विधायक जी को कोई शिकायत थी तो वन मंत्री होने के नाते उनको हमसे बात करनी चाहिए थी अब क्यों कर रहे हैं इस बारे में मैं नहीं जानता करते हुए निकल पड़े
- कई अनुत्तरित सवालों के जवाब मंत्री जी देने होंगे
- अवैध खनन करने वाले वे कौन है राजनीतिज्ञ लोग थे जिनकी ट्रैक्टर ट्रॉली़वों को पकड़ा जाता था उनको छोड़ने के लिए राजनीतिक दबाव डाला जाता था जिसका जिक्र डीएफओ दीपक सिंह ने अपने पत्र में किया है
- कोटद्वार के रिसेप्शन सेंटर के निकट लाखों की लागत से बने बंबू हट क्यों तोड़ दिए गए अगर वह नियमों के अंतर्गत बने थे तो
- वह कौन खास लोग थे जिनको उपनल के माध्यम से प्रभाग में सम्मिलित करने का दबाव बनाया जा रहा था जिसका जिक्र डीएफओ दीपक सिंह ने अपने पत्रों में किया है।