अभिनिर्णायक अधिकारी/अपर जिलाधिकारी पौड़ी इला गिरी ने अवगत कराया कि अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा, पौड़ी द्वारा महताब पुत्र अल्ताफ ग्राम जगत चान्दपुर बड़ापुर से दिनांक 28 मार्च, 2021 को प्रातः समय लगभग 08ः10 बजे स्थान स्नेह में मोटरसाइकिल पर विक्रय किये जा रहे खाद्य सामाग्री भैंस व गाय व मिश्रित दूध (खुला) प्रत्येक 500 मिली को चार भागों खरीदा गया। जिसमें नमूने के एक भाग को फार्म VI सहित सीलबंद कर राजकीय विश्लेषक, राजकीय खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला, रूद्रपुर को जांच रिपोर्ट भेजे जाने हेतु प्रेषित किया गया तथा नमूने के अन्य तीन भाग सीलबंद कर अभिहित अधिकारी कार्यालय पौड़ी में जमा किये गये। राजकीय खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला, रूद्रपुर की रिपोर्ट के अनुसार सूजी का नमूना परिक्षण के उपरांत मापदडों के लिए खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं मानक विनियम 2011 के प्रावधानों के अनुरूप नही पाया गया। जिसके संबंध में वाद दायर कर विपक्षी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए न्यायालय में उपस्थित होकर अपना अभिकथन दाखिल करने को कहा गया। अभिनिर्णायक अधिकारी/अपर जिलाधिकारी पौड़ी ने अवगत कराया कि उपलब्ध साक्ष्यों एवं अभिलेखों का परिशीलन करने के पश्चात खाद्य सुरक्षा अधिकारी की रिपोर्ट के अनुसार खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 46(4) के अन्तर्गत अपील करने का अवसर प्रदान किया गया, किन्तु अभियुक्त द्वारा तत्संबंध में कोई भी अपील नही की गयी। अभिहित अधिकारी द्वारा प्रेषित रिर्पोट एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी की आख्या के आधार पर विपक्षी पर वाद दायर करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अभिकथन दाखिल करने के निर्देश दिये गये, बावजूद इसके विपक्षी न्यायालय में हाजिर नही हुआ। विपक्षी द्वारा 2 अगस्त, 2022 को उपस्थित होकर अपना प्रतिउत्तर प्रस्तुत किया गया कि गरीब व्यक्ति है व दूध का कार्य करता है, वह दिन में 01 से 10 लीटर तक दूध का विक्रय करता है तथा उसकी आर्थिक स्थिती दयनीय है अतः उस पर कम से कम अर्थदण्ड लगाया जाए। उक्त के संदर्भ में अभिनिर्णायक अधिकारी/अपर जिलाधिकारी पौड़ी इला गिरी ने खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 एवं मानक विनियम 2011 की 26 27 एवं धारा 51 के अन्तर्गत जुर्माने के तहत विपक्षी महताब पुत्र अल्ताफ ग्राम जगत चान्दपुर बड़ापुर जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश पर खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम के उपनियम 26(2)(i)(i) का उल्लघंन करने पर रूपये 30 हजार की शास्ति आरोपित करते हुए निर्देशित किया कि प्रतिवादी आदेश प्राप्ति के 15 दिवस के अन्दर शास्ति की धनराशि न्याय निर्णायक अधिकारी, पौड़ी के पक्ष में चैक अथवा बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से जमा करे अयन्था भू-राजस्व की भांति वसूली की जायेगी।
Deepak Naudial
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