उत्तराखंड के राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के गांव नकोट कोट ब्लॉक में शुक्रवार को धूमधाम से इगास का पर्व मनाया जा रहा है । दरअसल अनिल बलूनी ने उत्तराखंड के सभी प्रवासी लोगों से अपील की थी कि उत्तराखंड के गांव को जीवित रखने के लिए सभी प्रवासी लोग इगास के पर्व को अपने गांव में मनाए ताकि हम अपने लोक पर्व से अपनी आने वाली पीढ़ी को भी रूबरू करवा सके साथ ही हमारा जो प्रेम अपने गांव के लिए था वह भी बरकरार रह सके उन्होंने स्वयं दो बार अपने गांव आकर इस लोक पर्व को मनाया हालांकि स्वास्थ्य सही ना होने के चलते कई बार वह अपने गांव नहीं पहुंच सके लेकिन उनके प्रतिनिधि के तौर पर कोई न कोई उनके गांव आकर इस त्यौहार में शामिल जरूर हुआ है। वही प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद रहे संजय बलूनी ने बताया कि इस बार भी संसद की महत्वपूर्ण बैठक होने के चलते अनिल बलूनी अपने गांव नहीं पहुंच पाए लेकिन उनके इस आह्वान को देखते हुए उनके गांव में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है उनके घर पर पारंपरिक पकवान को बनाया और गौपूजन भी किया गया। वही अनिल बलूनी की चाची ने बताया उन्हें फोन पर जानकारी दी गयी कि इस बार आना संभव नही है लेकिन एक महीने के अंदर वह अपने गांव आएंगे। प्रवासी चिंतामणि ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि आज उत्तराखंड के गांव खाली हो चुके हैं और पौड़ी के जो गांव है वह भी पढ़ाई की चपेट में आ चुके हैं यदि इस पर पर सभी लोग अपने गांव आते हैं तो गांव में चहल पहल होने के साथ है यहां रहने वाले लोगों को भी काफी खुशी मिलेगी।
सिद्धांत उनियाल
संपादक