पूर्व सीएम हरीश रावत गुरुवार को पौड़ी जिले के भट्टीगांव और सपलोड़ी पहुंचे। इन दोनों गांवों में बीते दिनों गुलदार ने एक के बाद एक हमलों में दो महिलाओं की जान ले ली थी। गुरुवार को गांव पहुंचकर पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रभावित परिवारों को ढांढस बंधाया। पूर्व सीएम ने कहा कि वह मिशन मोड में वनाग्नि और वन्य जीवों से प्रभावित परिवारों के पास पहुंचने का काम कर रहे हैं। वन्य जीवों के हमलों की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठे और एक स्वस्थ्य परिचर्चा हो ताकि इसका स्थाई समाधान हो सके। पूर्व सीएम ने कहा कि पलायन से गांव खाली हो रहे हैं तो वहीं हमारे जंगलों में वन्य जीवों के लिए खाना कम हो गया है। ऐसे में इनके हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। कहा कि दिल्ली में बैठकर पयार्वरण की बात नहीं हो सकती है। ग्रामीणों ने इस मौके पर दर्ज हुए मुकदमे को वापस लेने के लिए ज्ञापन भी सौंपा। सपलोड़ी में महिला को मारने के बाद वन विभाग ने यहां पिंजरा लगाया था । गुलदार पिंजरे में फंस गया था जिसे आक्रोशित ग्रामीणों ने आग के हवाले कर दिया था। पूर्व सीएम ने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर सीएम से भी वार्ता की जाएगी। इस दौरान भट्टीगांव और सपलोड़ी पहुंचकर प्रभावित परिवारों के साथ मुलाकात की और घटना पर दुख जताते हुए ढांढस भी बंधाया। सपलोडी में 15 मई एक महिला को जबकि भट्टीगांव में 2 जून को गुलदार ने हमला कर एक बुजुर्ग महिला को मार डाला था। इस दौरान उनके साथ पार्टी जिलाध्यक्ष विनोद नेगी, राजपाल बिष्ट, आशीष नेगी, मोहित सिंह गोपाल नेगी, नवल किशोर, युद्धवीर आदि पदाधिकारी भी मौजूद रहे
Deepak Naudial
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