सरकार के शासनादेशों का जिलाधिकारी नही ले रहे संज्ञान आंदोलनकारी लगा रहे आरोप।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मोर्चा द्वारा तहसील परिषर में जोरदार नारे बाजी करते हुए राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण के शासनादेशों की प्रतियां जलाकर जिला प्रशासन व राज्य सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया।
महेंद्र सिंह रावत ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण का जो शासनादेश जारी हुआ था परन्तु आज तक देहरादून से लेकर किसी भी जिले में एक भी चिन्हीकरण नही हुआ है। आखिर इस शासनादेश का क्या फायदा क्या केवल चुनाव तक टालने की प्रक्रिया तो नहीं। 10-वर्षाे में यह पहली बार है कि जिला प्रशासन द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण की व्यवस्था को बहुत हल्के में लिया जा रहा है। आन्दोलनकारियों की कमेटी को अधिकृत किया गया था जिससे काफी लोग चिन्हित हुए परन्तु अब जिलाधिकारी महोदय को संज्ञान लेना चाहिऐ कि क्या कारण है कि 05-मिटिंग के बाद भी आज तक कोई एक नाम की सूची जारी नहीं की गई। यदि सरकार व शासन द्वारा जल्द ही इसका निस्तारण नहीं किया गया तो यहां के स्थानीय विधायक और दबाब डाला जाएगा।
वही 85साल की आंदोलनकारी विद्यावति ने कहा कि हमने अपने बच्चो की परवाह न करते हुए उत्तराखण्ड बनाने के लिये रातदिन एक कर दिया था ओर सरकार आज हमें नजरअंदाज कर रही है।