कोटद्वार। आर्य समाज कोटद्वार द्वारा आयोजित तीन दिवसीय दिव्य सत्संग समारोह में बरेली से आये स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती ने कहा कि भारतीय संस्कृति के मूल वेद ही हैं, वेदों का मुख्य लक्ष्य मनुष्य को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करना है। भजन एवं प्रवचन के माध्यम से उन्होंने बताया कि वर्तमान परिवेश में मनुष्य शांति से घिरा हुआ है। ईश्वर की वाणी तथा वेदों से दूर होने के कारण मनुष्य विभिन्न प्रकार की सामाजिक बुराइयों के मोहजाल में फंसता जा रहा है। समाज में पाखंड, छुआछूत, दहेज प्रथा, दिखावा आदि बाहरी आडंबरों में फस कर जहां एक तरफ मनुष्य अपना बहुमूल्य समय बर्बाद कर रहा है। ईश्वर की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्ति श्रद्धा और समर्पण का भाव आवश्यक है।
Deepak Naudial
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