छटवें दिन की रामलीला में राम भरत मिलाप का मार्मिक मंचन किया गया। इसके बाद राम का पंचवटी प्रस्थान, पंचवटी में सीता को प्यास लगना, राम लक्ष्मण और सीता का अत्रमुनि आश्रम में अत्रमुनी और उनकी पत्नी अनसूया से भेंट होना, सुपर्णखा की नाक का कटना, खर दूषण वध, रावण सुपर्णखा संवाद, रावण मारीच संवाद, राम द्वारा स्वर्ण मृग वध, योगी रावण का पंचवटी प्रवेश और सीता हरण तक मंचित हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग रामलीला देखने पहुंचे। रामलीला में शुपर्णखा के जबरदस्त अभिनय ने दर्शको का भरपूर मनोरंजन किया। शुपर्णखा के नृत्य और संगीत पक्ष का बेहतरीन संयोजन ने मंचन को यादगार बना दिया। शूपर्णखा की अदाकारा की दर्शको ने जमकर तारीफ की। संगीत पक्ष में निर्देशन मनोज रावत अंजुल, तबले पर परमेंद्र नेगी, ढोलक पर मोहित बंगोड़ा, अभिनव सैलानी, की बोर्ड नवांश बहुगुणा ने संगत की। इससे पूर्व मुख्य अतिथि ब्लाक प्रमुख पौड़ी दीपक कुकशाल ने पूजा आरती कर रामलीला का शुभारम्भ किया। उन्होंने अपने संबोधन में रामलीला समिति की सराहना करते हुए कहा कि आयोजन की निरन्तर आकर्षण के साथ प्रस्तुति इसकी सफलता को प्रदर्शित करती है। उन्होंने दर्शको और आम जन मानस से इस आयोजन में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की। राम की भूमिका में विजेंद्र राणा और लक्ष्मण की भूमिका में दीपक नेगी का अभिनय सशक्त रहा। बेहतरीन दृश्य संयोजन का कार्य विक्रम गुसांईं कर रहे हैं। अंकनकर्ता में विमल बहुगुणा, जसपाल रावत और देवेन्द्र रावत सहयोग कर रहे हैं।
सिद्धांत उनियाल
संपादक