जनपद पौड़ी के थलीसैंण ब्लाक स्थित जनता जूनियर हाईस्कूल पाटुली में सेवारत शिक्षक वीरेंद्र गोदियाल वर्ष 2000 से पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। शुरुआत में वह छात्र-छात्राओं व आसपास के ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधरोपण करते थे। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की पहल को समलौण नाम देकर एक संस्था के रूप में खड़ा किया। वर्तमान समय में राठ क्षेत्र के लगभग सभी गांवों में समलौण संस्था की इकाइयां हैं, गांव-गांव में प्रत्येक संस्कार को यादगार बनाने के लिए एक-एक फलदार पौधा रोपा जाता है। जिसके संरक्षण की जिम्मेदारी भी तय की जाती है। शिक्षक गोदियाल का यही प्रयास आज क्षेत्र में समलौण आंदोलन के रूप में ख्याति बटोर रहा है। समलौण संस्था पर्यावरण संरक्षण के साथ ही सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित करने के लिए योगदान दे रही है। संस्था हर वर्ष राठ महोत्सव का आयोजन कर उसमें पर्यावरण संरक्षण संदेश से भरे थड़िया-चौफला, चाचरी की प्रतियोगिताएं भी आयोजित करती हैं। साथ ही पर्यावरण संरक्षण, पत्रकारिता, सामाजिक कार्यों में विशेष कार्य करने वाली विभूतियों को सम्मानित भी किया जाता है। अध्यक्ष मनोज रौथाण ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण व लोक सांस्कृति विरासत को संजोने की दिशा में शिक्षक गोदियाल का योगदान किसी से छिपा नहीं है।
